प्रश्न ५९: यदि हम वास्तव में आकाश तत्त्व हैं, या आकाश तत्व का एक हिस्सा हैं, तो ऐसा क्यों है कि हम कुछ स्थानों में सहज महसूस करते हैं और कुछ अन्य स्थानों में असहज महसूस करते हैं? | गुरुदेव श्री श्री रविशंकर

 

गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर:

यह अज्ञानता के कारण है। या यह आपके शरीर के प्रकृति और स्पंदन के कारण भी हो सकता है। जब आपकी स्पंदन रेंज सीमित होती है, या जब आप स्वयं के साथ केंद्रित नहीं होते तब भी आप लोगों के साथ सहज और असहज महसूस कर सकते हैं।आपकी स्पंदन की रेंज सीमित हो सकती है, परंतु कुल स्पंदन की सीमा नापी नहीं जा सकती है।

यदि आप दृढ़ता से केंद्रित हैं तो आप पूरे 360 डिग्री रेंज के कंपन के साथ भी सहज होते हैं। यह एक सर्कल (वृत) की तरह है। एक वृत में उसके केंद्र का सही स्थान पर होना महत्वपूर्ण है, केंद्र बिन्दु से सभी त्रिज्या बिन्दु हमेशा सामान्य दूरी पर होते हैं, लेकिन अगर यह केंद्र बिन्दु अपने निर्धारित स्थान से अलग हो जाए तो सभी बिंदुओं में सामान्य दूरी नहीं रहेगी, इसलिए आप हर स्पंदन में सहज नहीं रहते हैं।



गुरुदेव के इन सुंदर लेखों को उनके आधिकारिक ब्लॉग पर भी पढ़ें:

1. Keep your mind open to all possibilities! : CLICK HERE TO READ
2. Principles of the Universe : CLICK HERE TO READ
3. You are vast sky of love, beauty and charm : CLICK HERE TO READ




सोशल मीडिया पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का अनुसरण करें:

Instagram : https://www.instagram.com/srisriravishankar
YouTube : https://www.youtube.com/SriSri
Twitter : http://twitter.com/SriSri
Facebook : http://facebook.com/SriSriRaviShankar
Website : http://srisri.org/
Blog : http://wisdom.srisriravishankar.org/
LinkedIn : https://in.linkedin.com/in/srisriravishankar


टिप्पणियाँ