प्रश्न ३६: गुरुदेव, जब मैं उत्साही लोगों को देखता हूं, तो मेरे दिमाग में आता है कि वे दिखावा कर रहे हैं। आप क्या सोचते हैं?
आप उन्हें क्यों आंकना चाहते हैं? उन्हें वो करने दें जो वो करना चाहते हैं। ऐसा लगता है कि आपके पास बहुत समय है। उनका मूल्यांकन मत कीजिए। यदि वे दिखावा करते हैं, तो उन्हें दिखाने दें। उनके पास दिखाने के लिए कुछ है, उन्हें रहने दें। अगर आपके पास दिखाने के लिए कुछ है, तो आप भी दिखाएं(हँसी)। यदि आप नहीं चाहते हैं, तो बस दिखावा मत करें।
आपसे कोई दिखावा क्यों करेगा? क्या आप समझ रहे हैं? यह सब एक खेल है। यदि कोई दिखावा करना चाहता है, तो उन्हें करने दें। यदि वे बहुत अधिक दिखावा करते हैं तो वे स्वयं अपना आकर्षण खो देंगे। आपको अपने बारे में अधिक सोचना चाहिए और इस पर चिंतन करना चाहिए कि आप कितने अधिक सहज हो गए हैं? क्या आप अधिक व्यावहारिक, अधिक बुद्धिमान बन गए हैं? इस पर चिंतन करें।
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Parm pujya parm aadrniy Gurudev ke charno me koti koti naman aap ke aasirbada mila jivan Dhyan Dhyan ho gaya
जवाब देंहटाएंMujhe aap shjta se darsn dete hai ratri me jis din aap ka dyand krta hun to aap samne hote hain jay Gurudev guruji
जवाब देंहटाएंGuruji mirtu sty h to aakal mirtu kyoun khajata h
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