प्रश्न.१२४: प्रिय गुरुदेव, प्रेम, सम्मान और लगाव, ये तीनों कैसे जुड़े हुए हैं। हम इन्हें रिश्तों में कैसे संतुलन में रख सकते हैं?

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर: 

मुझे लगता है कि आपके पास बहुत अधिक खाली समय है। आपको व्यस्त हो जाना चाहिए। बैठ के चिंता मत करो। प्यार, सम्मान, ये सभी भावनाएँ आप में रहती हैं। जब आपका दिल और दिमाग साफ होगा, तो सही समय पर सही भावनाएं आएंगी।

प्यार, सम्मान - ये सब अपने आप होता है। आप उन्हें बना नही सकते। आप सम्मान को अपने अंदर नहीं ला सकते। यदि आप प्रेम या सम्मान को महसूस करने का प्रयास करते हैं, तो यह असफल होगा। तो, आप केवल इतना कर सकते हैं कि आप अपने आप को तनाव से मुक्त करें और मन में ज्ञान रखें। दुनिया को एक बड़े नजरिए से देखना ही ज्ञान है। देखें कि क्या अस्थायी है और क्या स्थायी है। 

लोगों की सभी राय अस्थायी हैं। वे आते हैं और वे जाते हैं। यह आपको याद रखना चाहिए। सम्मान की लालसा मत करो। कुछ लोग सम्मान देते हैं, कुछ नहीं देते, यह ठीक है। यह उनकी पसंद है। लेकिन अगर आपका जीवन दूसरों के सम्मान पर निर्भर करता है तो आप एक कमजोर व्यक्ति हैं। आप अधिक से अधिक कमजोर महसूस करेंगे, और जब आप कमजोर होंगे, तो आप दुखी होंगे। 

आपको पता होना चाहिए कि आपका सम्मान करने के लिए आपको किसी की जरूरत नहीं है। 'मेरी इज्जत मेरे साथ है, मुझे किसी की इज्जत करने की जरूरत नहीं है', बस। तो जब आप यहां से वापस जाते हैं, तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप लोगो अपमानजनक व्यवहार करना शुरू करे। आप सम्मान देते रहे, लेकिन बदले में सम्मान की उम्मीद नहीं करना। कई बार लोग जरा भी इज्जत नहीं देंगे। वे ऐसे ही हैं, कोई बात नहीं। अगर दूसरे आपको सम्मान नहीं देते हैं, तो कोई बात नहीं। यह उनकी संस्कृति, उनके विकास को दर्शाता है। यदि आप अत्यधिक विकसित हैं, तो आप हमेशा सभी का सम्मान करेंगे। चाहे वे समझदार हों या पागल, आप उनका सम्मान करेंगे। तब तुम पागल लोगों का भी सम्मान करोगे क्योंकि यह तुम्हारे स्वभाव में है। आप उन्हें इस सृष्टि के एक भाग के रूप में देखते हैं। वे सृष्टि के हैं, देवत्व के हैं। इसलिए जब आप हर किसी का सम्मान करते हैं तो यह दर्शाता है कि आप कितने समझदार हैं। 

सम्मान की अपेक्षा करना हमारी कमजोरी को दर्शाता है और लोगों को सम्मान देना चाहे वे कोई भी हों या उनके मानक कुछ भी हों, हमारी बुद्धिमत्ता को दर्शाता है। प्रेम इस सृष्टि का मूल आधार है। यह कभी मिट नहीं सकता। यह हमेशा वहां होता है। तो अब,बस प्यार दो और यह आपके पास एक लाख गुना अधिक वापस आएगा।

गुरुदेव के इन सुंदर लेखों को उनके आधिकारिक ब्लॉग पर भी पढ़ें: 

Everything manifests when you meditate!CLICK HERE TO READ

Watch Now:


सोशल मीडिया पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का अनुसरण करें:

Instagram : https://www.instagram.com/srisriravishankar 

YouTube : https://www.youtube.com/SriSri 


Twitter : http://twitter.com/SriSri 


Facebook : http://facebook.com/SriSriRaviShankar 


Website : http://srisri.org/ 


Blog : http://wisdom.srisriravishankar.org/ 


LinkedIn : https://in.linkedin.com/in/srisriravishankar 

टिप्पणियाँ