प्रश्न १५४: गुरुदेव, जीवन की तलाश में धन का क्या स्थान होना चाहिए?

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर:

समस्या तब उत्पन्न होती है जब धन न केवल आपकी जेब में परंतु आपके सिर में भी चढ़ जाता हैं! साथ ही अगर आपकी जेबें खाली हैं तो हर समय इसके बारे में सोचने का क्या फायदा?

पैसा साधन है और अपने आप में साध्य नहीं है। विश्वास रखें कि आपको जो भी पैसा चाहिए वह आपको मिलेगा। अपने प्रयास में लगाएं और इस विश्वास के साथ आगे बढ़ें।

साथ ही जो पैसा कमाते हैं उसमें से 2-3 फीसदी दूसरों पर खर्च करना चाहिए। हम इसे धन-शुद्धि (धन की शुद्धि) कहते हैं। संस्कृत में अन्न-शुद्धि (अनाज की शुद्धि) शब्द है।


यह चावल में घी (स्पष्ट मक्खन) जोड़ने का सुझाव देता है। अगर आप अकेले चावल खाते हैं तो यह आपके शरीर के लिए उतना अच्छा नहीं है क्यों कि इससे आपके खून में शुगर का स्तर अचानक बढ़ जाता है। बस थोड़ा सा घी मिलाने से स्टार्च को चीनी में बदलने की प्रक्रिया धीमी हो जाती है। तो पाचन प्रक्रिया धीमी हो जाती है और आपको मधुमेह होने का खतरा कम होता है। इसलिए हम कहते हैं कि चावल में घी डालने से चावल शुद्ध हो जाता है। इसी तरह जब हम जरूरतमंदों की मदद करते हैं तो पैसा शुद्ध हो जाता है।

गुरुदेव के इन सुंदर लेखों को उनके आधिकारिक ब्लॉग पर भी पढ़ें: 

What determines how much wealth one accumulates in life. Is there any secret?: CLICK HERE TO READ

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