प्रश्न.८०: प्रिय गुरुदेव, क्या यह ठीक है यदि मैं आपको अपने गुरु के रूप में आत्मसमर्पण कर दूं लेकिन साथ ही कृष्ण, जीसस या अल्लाह से प्रार्थना करूं? क्या यह एक ही समय में दो कुर्सियों पर बैठने जैसा नहीं है?

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर:

नहीं, चिंता मत करो। दरअसल, इस समर्पण शब्द को शब्दकोष से हटा देना चाहिए, इसका इतना दुरूपयोग और गलत अर्थ निकाला गया है। तुम बस विश्राम करो, यह काफी अच्छा है। इस ज्ञान और विश्वास के साथ विश्राम करें कि आपका ध्यान रखा जा रहा है!

यह सबसे अधिक विश्राम और सुख की अवस्था है जिसे समर्पण कहा जाता है। वरना हम समर्पण की कितनी कोशिश करते हैं; किसे समर्पण करें, कहां समर्पण करें? और ऐसा क्या है जिसे आपको समर्पण करने की आवश्यकता है? आप अपने अच्छे गुणों का समर्पण नहीं करते हैं, है ना? आप वही हैं, इसलिए आपको उन्हें समर्पण करने की आवश्यकता नहीं है। आपको उन चीज़ों को छोड़ने या समर्पण करने की ज़रूरत है जिनकी आपको आवश्यकता नहीं है, और वे क्या हैं? नकारात्मक गुण, नकारात्मक प्रवृत्ति और नकारात्मक विचार, जो आप नहीं चाहते! और अगर इसे ही तुम समर्पण कहते हो, तो यह अच्छा है!

जितना हो सके इसे हर दिन करें! लेकिन फिर भी, जागो और देखो; न तो सकारात्मक और न ही नकारात्मक गुण आपके हैं! वे बस आते हैं और चले जाते हैं! 

आप अपने घर के पास से गुजरने वाली कार को पकड़ कर न कहें, "मैं इस कार को धक्का देने जा रहा हूं, यह मेरी है!" इसी तरह, विचार सड़क पर कारों की तरह हैं, वे आपके नहीं हैं, वे बस अपने आप आगे बढ़ रहे हैं, और वे चले जाते हैं। यदि आप कहते हैं, "ठीक है, मैं इस कार को सरेंडर कर रहा हूँ अब अगला ट्रक" (हसते हुए); अगर यह आपका मज़ा लेने का तरीका है, तो आप मज़े कर सकते हैं। प्रकृति जानती है कि ये विचार आपके नहीं हैं। जब आप कह रहे हैं कि मैं इस कार को सरेंडर कर रहा हूं, तो प्रकृति को मजा आ रहा है। ब्रह्मांड को उन लोगों के साथ बहुत मज़ा आता है जो आत्मसमर्पण करने की कोशिश कर रहे हैं। बस विश्राम करो!

आपके पास यहां सबसे सुंदर ज्ञान है, और कोई विरोध भी नहीं है। यहाँ सब एक हैं; जीसस, बुद्ध, कृष्ण, इन सभी का आपस में अच्छा समझौता है।

जैसे फ्रांस, इटली, जर्मनी और ग्रीस में यूरो काम कर सकता है, वैसे ही इन गुरुओं के बीच एक अच्छा समझौता है; आप जिस भी रूप या किसी भी नाम को देखते हैं, वह सब एक ही स्रोत में जाता है।

गुरुदेव के इन सुंदर लेखों को उनके आधिकारिक ब्लॉग पर भी पढ़ें: 

What is it that you have to surrender?: CLICK HERE TO READ

Watch Now: 

सोशल मीडिया पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का अनुसरण करें:

Instagram : https://www.instagram.com/srisriravishankar 

YouTube : https://www.youtube.com/SriSri 

Twitter : http://twitter.com/SriSri 

Facebook : http://facebook.com/SriSriRaviShankar 

Website : http://srisri.org/ 

Blog : http://wisdom.srisriravishankar.org/ 

LinkedIn : https://in.linkedin.com/in/srisriravishankar 

टिप्पणियाँ