प्रश्न १७८ : गुरुदेव, मुझे विश्वास है कि हम जैसा बोएंगे, वैसा ही काटेंगे। लेकिन कई उदाहरणों में हम देखते हैं कि एक व्यक्ति बुरे समय से गुजर रहा है, भले ही हमने उसके द्वारा की गई कोई बड़ी गलती न देखी हो। ऐसा क्यों होता है?

गुरुदेव श्री श्री रविशंकर:

कर्म! कर्म के तरीके अथाह हैं। कर्म सागर के समान है। यह एक जीवन के कर्म नहीं है। कई जन्मों में, हमने बहुत सारे कार्य किए हैं और उन सभी के परिणाम हैं। कौन सा कर्म किस बीज से निकला है और यह कर्म क्या फल देगा, यह बताना बहुत मुश्किल है। इसलिए इसे "गहन कर्मनोगती" कहा जाता है।

अथाह कर्म के तरीके हैं। क्योंकि यह कर्म सिर्फ एक जन्म नहीं है, कई जन्म हैं, हमने बहुत कुछ किया है और हम नहीं जानते कि कौन सा कर्म कब अंकुरित होता है। इसलिए कर्म की चिंता मत करो, बस सक्रिय रहो और अपने विवेक का पालन करो। अपने विवेक के साथ कार्य करें!

गुरुदेव के इन सुंदर लेखों को उनके आधिकारिक ब्लॉग पर भी पढ़ें: 

Principles of Karma and Suffering: CLICK HERE TO READ

Watch Now:

सोशल मीडिया पर गुरुदेव श्री श्री रविशंकर का अनुसरण करें:

Instagram : https://www.instagram.com/srisriravishankar 

YouTube : https://www.youtube.com/SriSri 


Twitter : http://twitter.com/SriSri 


Facebook : http://facebook.com/SriSriRaviShankar 


Website : http://srisri.org/ 


Blog : http://wisdom.srisriravishankar.org/ 


LinkedIn : https://in.linkedin.com/in/srisriravishankar 

टिप्पणियाँ